Sunday, March 6, 2011

सात साल बाद मिलेंगे 15 नए राष्ट्रीय राजमार्ग

लाडनूं को मिलेगा एक और हाई-वे
जयपुर। प्रदेश को करीब सात वर्ष बाद नए राष्ट्रीय राजमार्ग मिलने की उम्मीद बंधी है। राज्य सरकार ने पिछले दिनों 3515 किमी के 15 संशोघित प्रस्ताव केन्द्र को भेजे हैं। उम्मीद है कि इनमें से करीब 1500 किमी सड़कों को कुछ दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार नए राष्ट्रीय राजमार्गो के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री सी.पी.जोशी ने राज्य सरकार को कुछ सुझाव दिए थे।
जोशी चाहते थे कि आदिवासी, दूरदराज, रेगिस्तानी, माइनिंग, सीमेंट उत्पादन, नए पर्यटन क्षेत्रों को विशेष रूप से जोडऩे वाले प्रस्ताव भेजे जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने संशोघित प्रस्ताव बनाए। ये प्रस्ताव जल्द केन्द्रीय मंत्रिमण्डल के समूह के समक्ष रखे जाएंगे। इससे पहले सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 2009 में करीब 2200 किमी सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के प्रस्ताव भिजवाए थे। 2004 के बाद प्रदेश में एक भी नया राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित नहीं हुआ है।
लाडनूं को एक और हाई-वे
लाडनूं से राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 65 पहले से ही गुजर रहा है। किशनगढ से हनुमानगढ मेगा हाई-वे भी लाडनूं होकर गुजर रहा है और अब लाडनूं होकर पाली जिले के भीम तक 253 किलोमीटर लम्बा राजमार्ग फिर राज्य सरकार ने प्रस्तावित किया है। लाडनूं से खाटू-डेगाना-मेड़ता सिटी-लाम्बिया-जैतारण-रायपुर होकर भीम जाने वाले इस मार्ग के निकलने से इस क्षेत्र को विकास के नए आयाम मिलेंगे। इसी प्रकार इस क्षेत्र के प्रसिद्ध सालासर धाम के नेछवा, सीकर, नीम का थाना होते हुए कोटपूतली, अलवर व भरतपुर से जुड़ जाने से भी काफी सुविधाएं मिल सकेंगी। इधर नागौर को भी जयपुर उसे वाया कुचामन होते हुए सीधा फलौदी से जोड़ा जा रहा है।
इनका कहना है
मैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नए राष्ट्रीय राजमार्गो के लिए केंद्रीय मंत्री सी.पी.जोशी से मिले थे। इसके बाद नए प्रस्ताव भिजवाए हैं।
-प्रमोद जैन भाया,
सार्वजनिक निर्माण राज्यमंत्री
इस बार भेजे गए इन सड़कों के प्रस्ताव
1. बूंदी-बिजोलिया-लाडपुरा-भीलवाड़ा-गंगापुर-राजसमन्द
- 210 किमी
2. उनियारा-नैनवा-हिण्डौली-जहाजपुर-शाहपुरा-गुलाबपुरा
- 213 किमी
3. पाली-देसूरी-गोमती चौराहा-वाया नाडोल -93 किमी
4. उदयपुर-झाड़ोल-सोम-नालवा-दाईया-इदर
-108 किमी
5. लाम्बिया-रास-ब्यावर-बदनोर-आसींद-माण्डल -148 किमी
6. मथुरा-भरतपुर-बयाना-भाड़ोती-सवाई माधोपुर-इटावा-मांगरोल-बारां - 304 किमी
7. मावली-भांसोल-ओडन-खमनोर-हल्दीघाटी-कुंभलगढ़-चारभुजा -130 किमी
8. रतलाम-बांसवाड़ा-सागवाड़ा-डूंगरपुर-खेरवाड़ा-कोटड़ा-स्वरूपगंज - 310 किमी
9. जयपुर-जोबनेर-कुचामन-नागौर-फलौदी -366 किमी
10. लाडनूं-खाटू-डेगाना-मेड़ता सिटी-लाम्बिया-जैतारण-रायपुर-भीम - 253 किमी
11. मन्दसौर-प्रतापगढ़-धरियावाद-सलूम्बर-डूंगरपुर-बिच्छीवाड़ा -164 किमी
12. श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़-नोहर-भादरा-राजगढ़-झुंझुनू-उदयपुरवाटी-अजीतगढ़-शाहपुरा
- 474 किमी
13. रेवाड़ी- नारनौल-पचेरी-चिड़ावा-झुंझुनू-फतेहपुर
-123 किमी
14. भरतपुर-डीग-अलवर-बानसूर-कोटपूतली-नीम का थाना-सीकर-नेछवा-सालासर
- 301 किमी
15. कोसी-कामां-डीग-भरतपुर-रूपवास-धौलपुर -133 किमी
16. स्वरूपगंज-सिरोही-जालोर-सिवाणा-बालोतरा - 215 किमी

लाडनू बना तेरापंथ की raajdhaanee

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लाडनूं तेरापंथ की राजधानी घोषित

आचार्य महाश्रमण के तीन दिवसीय प्रवास ने बदली लाडनूं की फिजां

लाडनूं (कलम कला न्यूज)। तेरापंथ धर्मसंघ के 11 वें आचार्य महाश्रमण ने लाडनूं को तेरापंथ धर्मसंघ की राजधानी के रूप में घोषित किया है। इससे पूर्व नौंवें आचार्य गुरूदेव तुलसी ने लाडनूं को तेरापंथ का केन्द्र बनाने का भरसक प्रयास किया था, लेकिन वे इसे राजधानी के रूप में इतना खुला घोषित नहीं कर पाए थे। लाडनूं आचार्य तुलसी का जन्म-स्थान है और आचार्य तुलसी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर लाडनूं को तेरापंथ का गढ घोषित किए जाने से लोगों को अपार हर्ष का अनुभव हुआ है। आचाय्र महाश्रमण के साथ युवाचार्य के रूप में महाश्रमण यहां से गए थे और उनके देवलोकगमन के बाद आचार्य के रूप में पदारोहण के पश्चात् पहली बार आचार्य महाश्रमण लाडनूं पधारे। लाडनूं वासियों ने पलक पांवड़े बिछाकर उनका स्वागत किया और उनके अल्पकाल के प्रवास का अधिकतम फायदा उठाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की संरचना इस मौके पर की। जैनविश्वभारती का उन्होंने स्वयं घूमकर एकबार पूरा अवलोकन किया, वहां की एक-एक गतिविधि की जानकारी हासिल की। वे जैनविश्वभारती और उससे सम्बद्ध विश्वविद्यालय से काफी अभिभूत हुए। उन्हें आचार्य तुलसी की परिकल्पना में बहुत दम लगा। वे तुलसी के स्मारक पर भी गए। उन्हें लगा कि यह लाडनूं ही वह स्थान है, जहां तेरापंथ अपना विश्व स्तरीय स्वरूप धारण कर सकता है। उन्होंने अपने अभिनन्दन समारोह में कहा, अब तक सरदारशहर को तेरापंथ की राजधानी माना जाता रहा है, अब लाडनूं नगर राजधानी होगा, इसकी घोषणा करता हूं। लाडनूं के साथ तेरापंथ का बहुत बड़ा इतिहास रहा है। इसके अलावा जैन विश्व भारती, विश्वविद्यालय, विशाल ग्रन्थागार, धर्मोपकरण भंडार, वृद्ध साध्वर सेवा केंद्र, पारमाथिग्क शिक्षण संस्थान, समण श्रेणी यहां मौजूद है।

आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के तीन खण्डों का लोकार्पण

जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित्त आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय भवन, आचार्य तुलसी महिला शिक्षा केन्द्र भवन व आचार्य महाप्रज्ञ केन्द्रीय शैक्षणिक भवन का लोकार्पण करने के पश्चात्ï आयोजित समारोह में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि ज्ञान की आराधना होनी चाहिए, ज्ञान को सर्वोपरि तत्व माना गया है। उन्होंने जैन संस्थाओं से जैन विद्या के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता बताते हुए कहा कि जैन विश्व भारती एवं उससे सम्बद्घ विश्वविद्यालय का तो कत्र्तव्य है कि वह जैन विद्या पर आवश्यक ध्यान दें। उन्होंने सभी तेरापंथ संस्थाओं को परस्पर मनोमालिन्य दूर कर मिलकर काम करने की आवश्यकता बताई तथा कहा कि तभी समाज एवं अन्य लोगों का भला हो सकता है। उन्होंने जैन विश्व भारती को कामधेनु की उपमा देते हुए कहा कि जब तक इसका दोहन नहीं हो, समाज लाभान्वित नहीं हो सकता। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा बनाए गए आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के मुख्य भवन एवं उनसे सम्बन्धित आचार्य तुलसी महिला शिक्षा केन्द्र व आचार्य महाप्रज्ञ केन्द्रीय शैक्षणिक भवन का उद्ïघाटन आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में क्रमश: राजेन्द्र बच्छावत, श्रीमती कुमुद नवरत्नमल बच्छावत व श्रीमती मंगलीदेवी दुधेडिय़ा ने किया। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष चैनरूप चिण्डालिया नें बताया कि महासभा अपने संगठन के दायित्व को पूरा करने के साथ शिक्षा के आयाम के प्रति भी सदैव सजग रही है। आचार्य तुलसी के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के तीन खण्डों के भवन निर्माण का दायित्व भी निर्धारित दस महीनों के समय में महासभा ने पूर्ण किया है। उन्होंने अपने सम्बोधन में इन भवनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मुनि महेन्द्रकुमार ने कहा कि आज शिक्षा विभिन्न आयामों में फैलती जा रही है लेकिन उसका मूल केन्द्र गायब है। आंतरिक चेतना और मानवीय मूल्यों के बिना शिक्षा कभी पूर्ण नहीं हो सकती। हमें आंतरिक चेतना का रूपान्तरण करना होगा । उन्होंने जैन विद्वानों को तैयार करने की योजना पर भी प्रकाश डालते हुए जैन दर्शन, जैन साधना व समग्र जैन संस्कृति के उद्घार के लिए आवश्यक बताया। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डा. समणी मल्लिप्रज्ञा ने समाज में महिला विकास और महिला शिक्षा की आवश्यकता बताते हुए इस क्षेत्र में तेरापंथ धर्मसंघ की विशेष भूमिका की जानकारी दी।

जैन विश्व भारती के अध्यक्ष सुरेन्द्र चौरडिय़ा ने आचार्य महाप्रज्ञ के करीब साढ़े चार साल पूर्व प्राप्त संदेश का वाचन करते हुए जैन विश्व भारती को आचार्य तुलसी के सपने की कामधेनु बताया व जैन विश्व भारती को विश्वविद्यालय की पितृ संस्था बताया और कहा कि दोनों निरन्तर मिलकर काम कर रहे हैं।

जैन विश्व भारती की कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञा ने इस अवसर पर कहा कि आचार्य तुलसी व आचार्य महाप्रज्ञ कभी सम्प्रदाय में बंधकर नहीं रहे। उनका चिंतन समूचे मानव समुदाय के लिए था। उसी के अनुरूप हम समाज में एक बड़े परिवर्तन का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या साध्वी ऋतुयशा ने भी संस्था के निरन्तर विकास और विभिन्न बहुआयामी कोर्स शुरू करने की आवश्यकता बताई।

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Saturday, March 5, 2011

शिक्षकों ने मांगा 19 माह का बकाया वेतन

शिक्षकों ने मांगा 19 माह का बकाया वेतन
लाडनूं। स्थानीय निजी शिक्षण संस्था के.बी. प्राथमिक विद्यालय के शिक्षाकर्मियों को करीब 19 महीनों का बकाया वेतन भुगतान नहीं किए जाने को लेकर विद्यालय के कार्मिकों ने एक सामूहिक पत्र जिला कलक्टर एस.एस.बिस्सा को जनसुनवाई चौपाल के दौरान सौंपा।
विद्यालय के कर्मचारियों प्रकाशचंद वर्मा, कमलेशकुमार गुप्ता, जवानसिंह व दीनदयाल शर्मा द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में बताया गया है कि राजकीय अनुदान प्राप्त इस शिक्षण संस्था के कर्मचारियों को जून, 2006 से मार्च, 2007 तक तथा अप्रैल, 2010 से दिसम्बर 2010 तक का वेतन भुगतान नहीं किए जाने से उन पर आर्थिक संकट गिर चुका है। परिवार के सदस्यों का पालन-पोषण तक ढ़ंग से नहीं हो पा रहा है तथा उनके भूखों मरने की नौबत तक आ चुकी।
उन्होंने बकाया 19 माह का वेतन अविलम्ब भुगतान करवाने की मांग की है। जिला कलक्टर ने इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

करोड़ों का क्रिकेट सट्टा पकड़ा

करोड़ों का क्रिकेट सट्टा पकड़ा
एस.पी. के निर्देश पर कार्रवाई
लाडनूं। वल्र्ड कप किक्रेट मैचों को लेकर होने वाली करोड़ों की सौदेबाजी पर नियंत्रण के लिए पुलिस अधीक्षक डा.बीएल मीणा के निर्देश पर पुलिस ने छापा मारकर चार जनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से एक लाख 71 हजार 6 00 रूपए नकद, 45 मोबाइल, एक टीवी, कम्प्यूटर, लेपटॉप, टेपरिकॉर्डर, पांच कैसेट व लेनदेन के हिसाब की डायरी व रिकार्डिंग मशीन बरामद की है।
पुलिस उपअधीक्षक गोपाल रामावत ने बताया कि 27 फरवरी रविवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में क्रिकेट मैचों को लेकर सौदे होने की जानकारी मिलने पर चार दलों का गठन किया गया। पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर एक साथ छापामार कार्रवाई की। शहर के दूसरी पट्टी स्थित एक मकान पर छापे में लाडनूं निवासी सौरभ बैद पुत्र रमेशकुमार बैद, भागचंद पुत्र गैंदाराम विश्नोई निवासी नोखा, विशु पुत्र बनवाली बंगाली निवासी गोहाटी व शिव पुत्र सियाराम दर्जी निवासी नोखा को सौदा करते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर उपकरण जब्त कर लिए।
कार्रवाई करने वाली टीम का नेतृत्व जसवंतगढ़ थानाप्रभारी अमराराम विश्नोई ने किया। टीम में अयूब खां, अब्दुल शकील, ओमप्रकाश शर्मा, नवरत्नमल, संजयकुमारी, संजू व हरिराम आदि पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस की सट्टे के खिलाफ कार्रवाई से शहर में हडकंप मच गया। अनेक सटोरियों को सौदा होने से पहले ही अपने स्थान बदलने पड़ गए। पुलिस ने बताया कि अभियान जारी रहेगा। इस कार्यवाही के दिन स्थानीय थानाधिकारी अवकाश पर बाहर गए हुए थे। बताया जाता है कि कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के चलते इस जुए को पुलिस की ओर से हरी झण्डी मिली हुई थी।